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प्राकृतिक चिकित्सा का संक्षिप्त इतिहास

FREE TREATMENT NATURALLY
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प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान अथवा प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली उतनी ही पुरानी है जितनी की प्रकृति स्वयं। इसके आधार हैं- पंचतत्त्व- आकाश तत्त्व, वायु तत्त्व, अग्नि तत्त्व, जल तत्त्व और पृथ्वी तत्त्व। इस तरह यह प्रणाली संसार में प्रचलित सभी चिकित्सा प्रणालियों में से पुरानी अथवा उसकी जननी है। वेदों में जो संसार के आदि ग्रंथ हैं। इस विज्ञान की समस्त मोटी-मोटी बातें जैसे जल चिकित्सा उपवास चिकित्सा आदि का वर्णन पाया जाता है। वेदकाल के पुराणकाल में भी प्राकृतिक चिकित्सा प्रचलित थी। रोगों को नष्ट करने के लिए हमारे देश में मिट्टी का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। प्राचीनकाल में किसी भी प्रकार की दवाएं, हास्पिटल आदि नहीं थे फिर भी लोग आज की तुलना में काफी स्वस्थ और लम्बी उम्र वाले होते थे। एक युग था जब कि लोग प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहते थे। वर्तमान समय की तरह ये लोग असमय में ही निर्बल नहीं होते थे। उनकी शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक तीनों शक्तियां शक्तिशाली बनी रहती थी। प्राचीन समय के लोग वर्तमान समय की तरह न तो जल्दी से बूढे़ होते थे और न ही कम उम्र के होते थे। प्राचीन काल के लोग अपना जीवनयापन प्राचीन चिकित्सा पद्धति की ही सहायता से किया करते थे

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